Madhya Pradesh Employees – साढ़े तीन लाख कर्मचारियों को नहीं मिल पाएगा 7वां वेतनमान (7th Pay Commission)
Madhya Pradesh Employees – साढ़े तीन लाख कर्मचारियों को नहीं मिल पाएगा 7वां वेतनमान (7th Pay Commission)
भोपाल। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में साढ़े चार लाख से अधिक कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देने की प्रक्रिया के बीच बड़ी खबर आ रही है। आने वाले पंद्रह दिनों बाद मात्र सवा लाख Madhya Pradesh कर्मचारियों को ही नए वेतनमान का लाभ मिल पाएगा। बाकी सवा साढ़े तीन लाख लोगों के हाथ में पुराना ही वेतनमान रहेगा।
मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) सरकार के साढ़े चार लाख से अधिक कर्मचारियों को सातवां वेतनमान देना था। ऐसी स्थिति में मात्र सवा लाख कर्मचारियों ने ही विकल्प पत्र भरा है। ऐसी स्थिति में विकल्प पत्र भरने वाले कर्मचारियों को ही सातवां वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक ऐसा माना जा रहा है कि बाकी सवा तीन लाख लोग नया वेतनमान लेने के मूड में नहीं हैं।
वेतन चुनने का विकल्प बेअसर
Madhya Pradesh राज्य सरकार के वित्त विभाग ने सातवें वेतनमान देने के आदेश 22 जुलाई को जारी कर दिए थे। इसमें कहा गया था कि अधिकारियों और कर्मचारियों को नया वेतनमान चुनने और विकल्प देने के लिए तीन माह का समय दिया जाएगा। इस नियम के तहत सवा लाख अधिकारियों और कर्मचारियों ने ही विकल्प भरकर दिए हैं। इनका विकल्प विभाग ने मान्य कर लिया है।
बिल बनाने का काम शुरू
सूत्रों के मुताबिक अगस्त के वेतन में बिल जोड़कर देने का काम शुरू हो रहा है। 25 अगस्त तक जमा हो चुके बिलों का भुगतान सितम्बर के पहले सप्ताह में किया जाएगा।
सॉफ्टवेयर करेगा कैल्कुलेट
वित्त विभाग ने सातवें वेतनमान की गणना के लिए एक नया सॉफ्टवेयर बनाया है तो ग्रेड के अनुसार वेतनमान की गणना कर देगा। इसमें पदनाम, अंतिम वेतन भरना होगा। इसके बाद नए वेतनमान की पर्ची निकल जाएगी। अधिकारी और कर्मचारियों को विकल्प देना अनिवार्य होगा। यदि राज्य सरकार के कर्मचारी जुलाई, अगस्त और सितम्बर में सातवां वेतनमान नहीं लेते हैं तो अक्टूबर में उन्हें एक मुश्त तीन माह का ऐरियर दिया जाएगा। अधिकारियों और कर्मचारियों को विकल्प भरकर अपने विभागाध्यक्ष को देना पड़ेगा कि वे किस वेतनमान में रहना चाहते हैं। यदि कर्मचारी 6वां वेतनमान से खुश हैं तो वे उसे भी ले सकते हैं।
Source: Patrika